गुरुवार, 24 सितंबर 2009

फूलों से होलो तुम जीवन में सुंगध भर लो


फूलों  से  होलो  तुम  जीवन   में  सुंगध   भर  लो
महकाओ तन-मन सारा भावों को विमल कर लो

वो मालिक सबका हैं ,जिस माली का हैं ये चमन
वो  रहता  सबमे  हैं  तुम ,कर लो उसी का मनन
हो जाये सुवासित जीवन ऐसा तो जातां कर लो
फूलों से होलो तुम............................................

शुभ कर्मों की पौध लगाओ जीवन के उपवन में
देखो प्रभु को सबमे वो रहता हैं कण-कण में
बन जाओ प्रभु के प्यारे ऐसा तो करम कर लो
फूलों से होलो तुम...........................................

मै कोन?कहाँ से आया ? कर लो इसका चिंतन
जग में रह कर के ,उस दाता से लगा लो लगन
रह   कर  के  कीचड़  में  खुद को कमल कर लो
फूलों से होलो तुम..........................................

वो   दाता   सबका  हैं,  दुरजन   हो   या   सूजन
वो  पिता   सबका  हैं,  धनवान   हो  या निरधन
ललित उसमे लगा करके जीवन को सफल कर लो
फूलों से होलो तुम ............................................

ललित शर्मा
ललित वाणी से गीत कविता
(फोटो गूगल से साभार)

10 टिप्पणियाँ:

Yogesh Verma Swapn on 27 सितंबर 2009 को 5:38 am बजे ने कहा…

मै कोन?कहाँ से आया ? कर लो इसका चिंतन
जग में रह कर के ,उस दाता से लगा लो लगन
रह कर के कीचड़ में खुद को कमल कर लो

bahut hi sahi chintan, sunder rachna , badhai.

mere blog par aane ke liye shukriya, dhanyawaad.

अजय कुमार on 27 सितंबर 2009 को 10:16 am बजे ने कहा…

सुन्दर भाव , अच्छा है

चाहत on 29 सितंबर 2009 को 2:01 pm बजे ने कहा…

बहुत बड़िया
धन्यवाद

Asha Joglekar on 29 सितंबर 2009 को 7:00 pm बजे ने कहा…

Bahut sunder bhaw aur jeewan jeene kee rah bhee.
मै कोन?कहाँ से आया ? कर लो इसका चिंतन

जग में रह कर के ,उस दाता से लगा लो लगन

रह कर के कीचड़ में खुद को कमल कर लो

फूलों से होलो तुम..........................................

संजय भास्‍कर on 30 सितंबर 2009 को 4:40 pm बजे ने कहा…

बहुत सुन्दर रचना । आभार
शुभकामनायें.

SANJAY
http://sanjaybhaskar.blogspot.com

admin on 1 अक्तूबर 2009 को 6:14 pm बजे ने कहा…

बहुत सुन्दर है आपके ब्लॉग का टेम्पलेट। और उतनी ही सुंदर कविता भी पढने को मिली। बधाई स्वीकारें।
-Zakir Ali ‘Rajnish’
{ Secretary-TSALIIM & SBAI }

Sulabh Jaiswal "सुलभ" on 1 अक्तूबर 2009 को 11:27 pm बजे ने कहा…

अच्छी रचना !

ब्लॉ.ललित शर्मा on 2 अक्तूबर 2009 को 10:41 pm बजे ने कहा…

aap sabhi ka dhanyavad jo aap lalitvani me aaye,
isi tarah aate rahana,aapka svagat hai,

Creative Manch on 3 अक्तूबर 2009 को 10:23 pm बजे ने कहा…

आपका स्वागत है
बहुत सुन्दर रचना
आपको पढ़कर अच्छा लगा
शुभकामनाएं


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Unknown on 3 अक्तूबर 2009 को 10:31 pm बजे ने कहा…

Bahut barhia... isi tarah likhte rahiye

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