नवल धवल सूरज से आलोकित हो घर आँगन परिवार
नूतन वर्ष २०१० की आपको अशेष शुभकामनायें अपार
बाधाएं दूर हो जीवन की, नित प्रेम सुरभि का हो संचार
मन में करुणा व्यापे निस दिन बढे सुखों का कोषागार
महर्षि चरक एंव प्राचीन चरक संहिता उपदेश
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